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Thursday, December 30, 2010

Kya Khub Lagati ho

मुकेश कंचन...फिल्म धरमात्मा...
फिर से कहो कहते रहो अछा लगता हैं
जीवन का हर सपना अब सचा लगता हैं....
क्या खूब लगाती हो
बड़ी सुन्दर दिखती हो...

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